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नीम के 11 आयुर्वेदिक औषधीय गुण – लाभ और उपयोग

नीम के आयुर्वेद औषद्यीय गुण

नीम का नाम आते ही कड़वेपन का अहसास महसूस होने लगता है। एन्टीबाईयोटिक के गुणों से  भरपूर है ,इसे औषद्यि में सबसे ऊपर स्थान प्राप्त है। यह स्वाद में भले ही कड़वा हो ,लेकिन इससे होने वाले लाभ अमृत के सामान होते है ,आयुर्वेद में नीम हर समस्या का इलाज है। अगर आपके घर पर नीम का पेड़ है तो आप बड़े भाग्यशाली है,गर्मी में ठंडी हवा देने के साथ साथ ऑक्सीजन भी भरपूर मात्रा में देता है,इस के पेड़ का हर हिस्सा किसी न किसी बीमारी के इलाज में कारगर है। नीम का इस्तेमाल विभिन्न प्रकार के सौंदर्य प्रसाधनों में इस्तेमाल होता है। इसकी पत्तियों, तने, दाने, और छाल में भिन्न-भिन्न प्रकार के औषधीय गुण पाए जाते हैं। नीम का प्राचीन समय से उपयोग आयुर्वेदिक उपचारों में होता रहा है और आज भी इसका महत्व बना हुआ है।

इसमें पाए जाने वाले एंटीबाइओटिक गुण उच्च होते हैं, जिसके कारण इसे विभिन्न संक्रामक रोगों के इलाज में प्रयोग किया जाता है। इस के प्रयोग से बैक्टीरियल इंफेक्शन को नष्ट किया जा सकता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया जा सकता है।

इसका इस्तेमाल त्वचा संबंधी समस्याओं में भी उपयुक्त होता है। इसमें पाए जाने वाले एंटी-एजिंग गुण त्वचा को युवा और स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। नीम का उपयोग चेहरे पर मस्सों और दाग-धब्बों को कम करने के लिए भी किया जा सकता है।

इसके अतिरिक्त, नीम के प्रयोग से त्वचा की सुरक्षा और स्वच्छता बनाए रखने में मदद मिलती है। इसमें के पत्तों का रस और दानों का पाउडर भी चर्म रोगों में लाभकारी होता है।यहां तक कि नीम का पेड़ ही एक प्राकृतिक प्रदूषण नियंत्रण एजेंट के रूप में भी कार्य करता है, जिससे प्रदूषण को कम किया जा सकता है।

नीम एक अत्यधिक उपयोगी पौधा है जिसे सभी प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज के लिए उपयोग किया जा सकता है।

नीम

नीम के फायदे 

घाव को ठीक करता है ,नीम के पत्तो को पीस कर पेस्ट बना ले पेस्ट को जहाँ घाव है वहाँ पर लगा ले प्रभावित जगह पर लाभ मिलेगा। 

विशेषकर नीम एक प्राचीन और प्रभावशाली उपचार है जिसका उपयोग विभिन्न तरह की त्वचा समस्याओं के इलाज में किया जाता है। इसमें के पत्तों का पेस्ट घावों को ठीक करने में मदद कर सकता है।

नीम में एंटीसेप्टिक, एंटीफंगल, और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो घावों के इलाज में फायदेमंद होते हैं। नीम का पेस्ट लगाने से घाव जल्दी ठीक हो जाते हैं, और संक्रमण का खतरा भी कम होता है।

इसके अलावा, नीम का उपयोग घावों के साथ-साथ चार्म रोगों में भी किया जाता है। नीम के पेस्ट को दाग और चर्म रोगों पर लगाने से त्वचा की सुरक्षा में सुधार होता है और इंफेक्शन का खतरा कम होता है।

पत्तों में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट्स और विटामिन सी की मात्रा त्वचा को स्वस्थ और चमकदार बनाए रखने में मदद करती है। नीम का इस्तेमाल त्वचा के लिए कई तरह के सौंदर्य उत्पादों में भी होता है।

1. रुसी को कहे टाटा बाय-बाय

dandruff cure by neem

 रूसी की समस्या से छुटकारा पाने के लिए यह घरेलू उपाय आपके लिए उपयुक्त हो सकता है। नीम के पत्तों में मौजूद एंटीफंगल गुण रूसी को दूर करने में मदद करते हैं।

नीम की कुछ पत्तियों को पानी में उबालने से पानी में उत्तेजना और पत्तियों के औषधीय गुण समाहित होते हैं। जब पानी ठंडा हो जाए, तो इसे बालों में लगाने से रूसी कम होती है।

बालों को धोने के बाद नीम के पानी से धोने का प्रयास करें। इससे रूसी की समस्या में सुधार हो सकता है। यह उपाय नियमित रूप से किया जा सकता है ताकि रूसी की समस्या से छुटकारा पाया जा सके।बालों में शैम्पू करने के बाद इसी पानी से साफ करें।

2. आँखों में जलन दूर करता है 

पत्तियों में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटीइन्फ्लेमेटरी गुण आंखों को सुखावटी और स्वस्थ बनाए रखने में मदद कर सकते हैं।

नीम की पत्तियों को पानी में उबालने से पानी में उत्तेजना और पत्तियों के औषधीय गुण समाहित होते हैं। जब पानी ठंडा हो जाए, तो इसे अपनी आंखों को धोने के लिए इस्तेमाल करें। इससे आपकी आंखों की सुजन कम होगी और जलन भी दूर होगी।

इसे नियमित रूप से करने से आपकी आंखों की संज्ञाना मजबूत होगी और आंखों की रोशनी भी बढ़ेगी।

अगर आपको आंखों में जलन की समस्या है, तो आप रोजाना नीम की पत्तियों को पानी में उबालकर इसका प्रयोग कर सकते हैं। इससे आंखों की जलन में राहत मिल सकती है। ध्यान दें कि अगर जलन या दर्द में सुधार नहीं होता है, तो आपको निकटतम चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए।

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3. त्वचा विकार

 नीम के पत्तों का पेस्ट बनाकर हल्दी के साथ मिलाने से एक शक्तिशाली औषधि तैयार होती है जिसमें एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल, और एंटीऑक्सीडेंट्स के गुण होते हैं।

इस मिश्रण को त्वचा पर लगाने से खुजली, रिंगवर्म, एक्जिमा जैसी त्वचा समस्याएं दूर हो सकती हैं। इसके औषधीय गुणों के कारण, यह रोगों को ठीक करने में मदद कर सकता है और त्वचा को स्वस्थ और चमकदार बनाए रखने में मदद कर सकता है।

नीम का उपयोग त्वचा समस्याओं के इलाज में विशेष रूप से किया जाता है क्योंकि यह प्राकृतिक होता है और किसी भी तरह के साइड इफेक्ट्स का खतरा नहीं होता।

4. इम्युनिटी बूस्ट 

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घरेलू उपाय से आपकी इम्युनिटी को बढ़ावा मिल सकता है। नीम में एंटीऑक्सीडेंट्स, विटामिन्स, और अन्य पोषक तत्व होते हैं जो शरीर की सुरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मदद कर सकते हैं।

नीम के कोपल और पत्तों को खाली पेट पानी के साथ लेने से आपके शरीर का रोग-प्रतिरोधक क्षमता मजबूत हो सकती है और आपको संक्रमण से बचाव में मदद मिल सकती है।

हालांकि, यदि आपको किसी तरह की इम्युनिटी संबंधित समस्या है या आपका शरीर किसी अन्य चिकित्सीय स्थिति से प्रभावित हो रहा है, तो इसे लेने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श करें।


5. दांतो के लिए फायदेमंद 

पेड़ की छोटी लकड़ी से दांतों की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है जिससे दांतों की सेहत बनी रहती है। इसके अलावा, नीम के रस में मौजूद एंटीबैक्टीरियल गुण दांतों के कीड़ों और मुंह की समस्याओं को दूर करने में मदद कर सकते हैं।

नीम का इस्तेमाल दांतों के रोगों जैसे कीड़े, पायरिया, गिंगिवाइटिस, और मसूड़ों की समस्याओं में भी किया जा सकता है। इसलिए, यह एक प्राकृतिक और सस्ता उपाय है जो आपकी दांतों की सेहत को सुरक्षित रखने में मदद कर सकता है।


6. विषैले कीटों द्वारा द्वारा काटे जाने पर लाभ

विषैले कीटों द्वारा काटे जाने पर नीम के पत्तों का उपयोग वास्तव में फायदेमंद हो सकता है। इसमें मौजूद एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल, और एंटीऑक्सीडेंट्स के गुण आपकी त्वचा को स्वस्थ बनाए रखने में मदद कर सकते हैं।

नीम के पत्तों को महीन पीसकर उनका पेस्ट बनाएं और इसे विषैले कीटों द्वारा काटे गए स्थान पर लगाएं। इससे कटे हुए स्थान पर सुखावटी महसूस होगा और जलन भी कम होगी।

इसके अतिरिक्त, नीम के पत्तों का इस्तेमाल दाद और खुजली जैसी समस्याओं में भी किया जा सकता है। इसके एंटीफंगल गुण कारगरता से सभी इस प्रकार की समस्याओं को दूर कर सकते हैं।

नीम के पेड़ की पत्तियों को पीसकर विषैले कीटों द्वारा काटे गए स्थान पर लगाने से आपको त्वचा संबंधी समस्याओं में लाभ मिल सकता है। नीम में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटीबैक्टीरियल गुण त्वचा को स्वस्थ बनाए रखने में मदद कर सकते हैं। इसके अलावा, यह दाद और खुजली जैसी समस्याओं को भी दूर कर सकता है।

नीम के पेड़ की पत्तियों को पीसकर उनका रस लेकर विषैले कीटों द्वारा काटे गए स्थान पर लगाने से आपको त्वचा संबंधी समस्याओं में राहत मिल सकती है। नीम में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटीबैक्टीरियल गुण त्वचा को स्वस्थ रखने में मदद कर सकते हैं और जलन, सूजन, और खुजली जैसी समस्याओं को कम कर सकते हैं। इसके लिए, इसकी पत्तियों को अच्छे से पीसकर रस निकालें और इसे दिन में कई बार लगाएं। यदि समस्या गंभीर है, कृपया डॉक्टर से सलाह लें।

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7. दाद या खुजली किस समस्या होने पर 

नीम की पत्तियों का इस्तेमाल दाद और खुजली जैसी समस्याओं में फायदेमंद हो सकता है। इसमें मौजूद एंटीफंगल गुण त्वचा की संक्रमण से निपटने में मदद कर सकते हैं।

पत्तियों को पीसकर दही के साथ मिलाकर लगाने से दाद और खुजली से राहत मिल सकती है। इसमें दही के प्रोबायोटिक्स और नीम के एंटीफंगल गुण एक साथ काम करके संक्रमण को दूर करने में मदद कर सकते हैं।

यदि आपको यह समस्या बार-बार होती है या अधिक समय तक बनी रहती है, तो कृपया डॉक्टर से परामर्श करें।


8. कमज़ोरी, भूखार, मलेरिआ में  लाभ 

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इम की छाल का उपयोग अनेक रोगों के इलाज में किया जा सकता है, जैसे कि कमजोरी, भूखार, और मलेरिया में। नीम में मौजूद एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल, और एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर को मजबूत बनाने में मदद कर सकते हैं और रोग से लड़ने की क्षमता को बढ़ा सकते हैं।

नीम की छाल को पानी में उबालकर बनाएं और इसे दिनमें कई बार पीने से आपको बुखार और कमजोरी में राहत मिल सकती है। इसके अलावा, इस के प्रयोग से इम्यून सिस्टम को भी बढ़ावा मिल सकता है जो की ये रोगों से लड़ने में मदद कर सकता है।कृपया डॉक्टर से परामर्श करेंऔर उनकी सलाह के अनुसार ही नीम काउपयोग करें।

9. खांसी, पेट में कीड़े, बवासीर को ख़तम करने में मदद करता है नीम

नीम का उपयोग विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज में किया जा सकता है, जैसे की खांसी, पेट में कीड़े, और बवासीर में। इसमें मौजूद एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल, और एंटीऑक्सीडेंट्स के गुण शरीर के विभिन्न रोगों को ठीक करने में मदद कर सकते हैं।

इसके डंठल को चबाने से और उसे गरम पानी में उबालकर पीने से खांसी, पेट में कीड़े, और बवासीर जैसी समस्याओं में राहत मिल सकती है। इसका उपयोग खांसी के लिए करने से खांसी कम हो सकती है और पेट में कीड़े और बवासीर के इलाज में भी मदद मिल सकती है।इसे डॉक्टर या स्वास्थ्य विशेषज्ञ की सलाह के बिना किसी भी समस्या के इलाज के रूप में न लें।

10. नीम त्वचा के संक्रमण को दूर करता है

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इसके पत्तों का उपयोग त्वचा संक्रमण को दूर करने में मददगार साबित हो सकता है। इसमें मौजूद एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण त्वचा के संक्रमण से लड़ने में मदद कर सकते हैं।

नीम के पत्तों को पानी में उबालकर बनाए गए काढ़े को ठंडा होने पर इसका इस्तेमाल त्वचा पर कर सकते हैं। इससे त्वचा की सफाई होती है और संक्रमण को कम करने में मदद मिलती है। इस नुस्खे को नियमित रूप से अपनाने से त्वचा के फोड़े, फुंसी, और दानों में सुधार हो सकता है।स्वास्थ्य विशेषज्ञ की सलाह के बिना किसी भी समस्या के इलाज के रूप में न लें।

11. मच्छरों को दूर भगाए नीम 

नीम का उपयोग मच्छरों को भगाने के लिए किया जा सकता है। इसमें पाए जाने वाले तत्व मच्छरों को मारने में मदद कर सकते हैं। इसकी पत्तियों को सुखाकर उन्हें जला देने से उसमें मौजूद तत्वों का धुआं फैलेगा, जिससे मच्छर दूर भागेंगे। आप इसे अपने घर के आस-पास या जहां मच्छरों की समस्या ज्यादा हो, वहां प्रयोग कर सकते हैं।

 कृपया ध्यान दें कि यह सुझाव केवल सामान्य जानकारी के लिए है और इसे अपने पर्यावरण में उपयोग करने से पहले स्थानीय विधियों और नियमों का पालन करें।सावधानियां इसका अधिक मात्रा में सेवन ना करें। 

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